शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

स्वर्ग !!!

लल्लू प्रसाद  ने जगदीश्वर से पूछा -  " तनिक ये तो बताइए जगदीश्वर , स्वर्ग होता कैसा है ? "
" स्वर्ग बहुत सुन्दर होता है . " जगदीश्वर बोले .
" वहाँ क्या क्या होता है ? तनिक खुल कर बताइए . "
" सुन्दर अप्सराएँ होतीं हैं , मधुर संगीत होता है , नृत्य - गान होते हैं , देवता लोग सोमरस का मन चाहा सेवन करते हैं , आमोद प्रमोद होता है , नारद जी सूचनाएं लेते - देते रहते हैं , सब लोग आनंद और मद में डूबे रहते हैं .............. "
" अरे तो यों कहिये न कि ...... स्वर्ग भले आदमियों के रहने कि जगह नहीं है . "
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6 टिप्‍पणियां:

  1. आज तक की सभी लघुकथाएँ पढ़ लीं हैं,जवाहर भाई.बहुत सरलता से व्यंग्य सीधे अंदर तक पहुंचता है.यही इनकी बड़ी खूबी है. साधुवाद.

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  2. शुक्रिया ब्रजेश जी । व्यंग्य खून में चला गया है ।
    सो जो भी आएगा व्यंग्य में ही आएगा ।

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  3. बहुत खूब! स्वर्ग के सच का पर्दाफाश करके रख दिया आपने तो!!... मतलब एलीट लोगों के लिए है।

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  4. बहुत खूब! स्वर्ग के सच का पर्दाफाश करके रख दिया आपने तो!!... मतलब एलीट लोगों के लिए है।

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    1. स्वर्ग तो फिर भी स्वर्ग ही रहेगा त्यागी जी ।
      जीवन भर चरित्र बचाने का मुआवजा है स्वर्ग !
      शायद !!

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