सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति सरल बनाने की घोषणा की । तय किया गया कि कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार के एक बेरोजगार को तुरंत नियुक्ति मिलेगी ।
जगदीश्वर के पडौसी विश्वजीत सिंह शाम को घबराए से आए , बोले - ‘‘ जगदीश्वर क्या तुम अपने यहां मुझे रात रुकने दोगे ? प्लीज ! ’’
‘‘ हां हां , क्यों नहीं । एक क्या दो रातें रुको । ’’जगदीश्वर बोले .‘‘ एक - दो नहीं , मुझे हर रात तुम्हारे यहां गुजारना पड़ेगी । कहोगे तो किराया दे दूंगा । ’’
‘‘ बात क्या है आखिर !!? तुम इतने डरे हुए क्यों लग रहे हो ? !’’
‘‘ सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति सरल कर दी है । मैं बैठे बिठाए खतरे में आ गया हूं । ’’
‘‘ अनुकंपा नियुक्ति से तुम्हें खतरा !! किससे ? ’’
‘‘ अपने दो बेरोजगार बेटों से । ’’