शुक्रवार, 27 जनवरी 2012

बाजार में रिश्ते !!


          लड़की ने एक भद्दा सा इशारा  किया , बोली - ‘‘ चलता है क्या ?’’
‘‘ लड़की ! मैं जगदीश्वर  हूं । ’’ चौंकते  हुए जगदीश्वर  ने बताया ।
‘‘ जगदीश्वर  हो या कि परमेश्वर , मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता । माल तो है ना पाकेट में ? ’’
‘‘ मैं तुम्हारे पिता जैसा हूं । ’’
‘‘ मुझे ले जाने वाले ज्यादातर पिता जैसे ही होते हैं ।’’
‘‘ मुझे क्षमा करो देवी । ’’ जगदीश्वर  ने हाथ जोड़ दिए ।
‘‘ बाजार में रिश्ते ले कर मत निकला करो जगदीश्वर   । ’’ लड़की तुनक कर दूसरे आदमी की ओर चल दी ।

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