" अरे वाह !! बधाई . प्रसन्न रहो . तुम्हें आशीर्वाद . " जगदीश्वर ने मुंह मीठा किया .
" रात-दिन मेहनत की ..... तब कंहीं आज यह दिन देखने को मिला है . " रमेश ने बताया .
" परिश्रम का फल तो मिलता ही है . अब खूब मन लगा कर काम करना , आगे और सफलताएँ मिलेंगी ." जगदीश्वर ने हौसला दिया .
" सफलता तो मिल गई . नौकरी पक्की . ..... अब काम - वाम करने की जरुरत नहीं है . " रमेश बोला .
" अरे !! शुभ शुभ बोलो रमेश . कहीं सरकार निकम्मा कह कर निकल दे तो !? "
" आप चिंता मत करो जगदीश्वर , हमारे पास यूनियन है , कोर्ट है , कानून है , वकील है . स्थाई कर्मचारी के पास भस्मासुर की ताकत होती है . एक बार तथास्तु कह देने के बाद सरकार उससे डरती है . "
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