
जगदीश्वर चौकें ! पूछा - " कामरेड !! .... तुम यहाँ ! सब कुशल तो है ? "
" वृद्ध हो चला हूँ जगदीश्वर . कभी भी जाना पड़ सकता है . " कामरेड बोले .
" कहो , मैं तुम्हारी क्या सहायता कर सकता हूँ ? "
" मैनें जीवन भर गलतियाँ की ...... , यदि क्षमा कर देते तो ....."
" ठीक है , क्षमा किया . ..... और बोलो क्या चाहते हो ? "
" स्वर्ग की इच्छा है , अगर ......"
" चलो ठीक है , तुम्हारे लिए स्वर्ग भी ......."
" एक बात और थी जगदीश्वर ...."
" हाँ हाँ , बोलो ."
" स्वर्ग में लाल झंडे के साथ प्रवेश मिल जायेगा न ? "
जगदीश्वर कुछ नहीं बोले .
सच्चा कामरेड विचार और झंडे के प्रति स्वर्ग तक प्रतिबद्ध रहने की कोशिश करता ही रहता है । लघुकथा मे तथ्य पूरी तरह अभिव्यक्त हुआ है ।
जवाब देंहटाएंसच्चा कामरेड ब्रजेश जी !!! .
हटाएंविचार अच्छा है .