‘‘ आप से कुछ छुपा तो है नहीं जगदीश्वर , आप मन की हर बात जानते हैं ...... जीतने के बाद मैं पहले अपना घर भरूंगा उसके बाद ही दूसरे काम करूंगा , बस आपकी कृपा रहे । ’’ हार फूल चढ़ाते हुए उम्मीदवार ने हाथ जोड़े ।
पीछे दूसरा उम्मीदवार भी था , उसने पहले की बात सुन ली ।
अपनी बारी आने पर वह हाथ जोड़ कर बोला - ‘‘ मैं उसकी तरह झूटा और जल्दबाज नहीं हूं । मैं पहले आपका घर भरूंगा उसके बाद अपना । बस आपकी कृपा रहे । ’’
दूसरा उम्मीदवार जीत गया । जगदीश्वर ने कहा-- "यह संयोग है "।
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