सोमवार, 6 अक्टूबर 2025

अभिषेक !


 


 

" अरे मैडम आप खराब आम क्यों ले रहे हैं ! इसमें तो सड़े हैं सारे ! "

" कोई बात नहीं, चलेगा हमको। ... भाव बताओ तुम। "

" अब भाव क्या बताना इन आमों का!! आप 10 रुपए किलो दे दीजिए। "

" 5 रुपए किलो दो। ....  अभिषेक करना है। तुमको भी पुण्य लगेगा। "

'" तो फिर भाव की क्या बात है !! जो मर्जी हो दे दीजिए। "

" सब तौल दो। ... ठीक से देना, हम हमेशा आएँगे।"

"आपकी ही दुकान है मैडम।"

"अभी हमें बहुत से देवताओं का आमरस से अभिषेक करना है।"

"आप तो मुफ्त ही ले जाइये।.... और यह मेरी तरफ से चढ़ा दीजिए।"

" अरे!!.....  100 का नोट है! सोच लो।"

"सोचना  क्या है.... आप तो चढ़ा देना। भगवान खुश हों न हों पुजारी खुश हो जाएगा।"


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