मंगलवार, 9 अगस्त 2011

बंटी का फैसला !

माता-पिता को बेटे के भविष्य की चिंता सता रही थी । भविष्य की चिंता यानी धन की चिंता । कैसे कमाएगा, सुरक्षित कैसे रहेगा, सम्मान कैसे बचा रहेगा आदि ।
‘‘ बंटी राजनीति में जाएगा । बस फायनल । ’’ पिता ने फैसले जैसा कुछ सुनाते हुए कहा ।
‘‘ नहीं , बंटी धर्म के क्षेत्र में अपना करियर बनाएगा । बाबा लोग अब करोड़ों में खेलते हैं, सम्मान और सुरक्षा की भी गारंटी होती है । ’’ मां ने कहा ।
‘‘ बेटे को बाबा बनाओगी !! बाबा !! .... मेरा बेटा बाबा नहीं बनेगा । साफ बात । ’’ पिता को गुस्सा आ गया ।
‘‘ तुम्हें पता भी है कि बाबा ही हैं जो संसार के सारे सुख भोगते हैं । ’’ मां अडी ।
दोनों में बहस बढ़ गई तो तय हुआ कि बंटी से पूछ लेते हैं ।
पिता ने बेटे को बुलाया - ‘‘ बेटा तुम्हारे भविष्य को लेकर हम चिंतित हैं । तुम क्या बनोगे जिसमें धन, सम्मान और सुरक्षा तीनों हो । ’’
‘‘ मैं कामरेड बनूंगा डैड । ’’ कह कर बंटी चल दिया ।

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