गुरुवार, 11 अगस्त 2011

अतीत का बक्सा !


           लल्लन तहखाने में उथल-पुथल मचाए थे । जगदीश्वर  को पता चला तो प्रकट हुए, पूछा - ‘‘ क्या ढूंढ़ रहे हो लल्लन ? ’’
‘‘ अपना अतीत, पता नहीं अम्मा बक्सा कहां रख गईं ! ’’
‘‘ अतीत से तो तुम दुःखी थे ! क्या करोगे उसका ?’’
‘‘ भविष्य बनाने वाला जिन्न उसमें छुपा बैठा है । ’’
‘‘ पत्नी से पूछो, शायद  उसे पता हो । ’’
लल्लन ने पत्नी राबीना को आवाज लगाई । वे बोलीं - ‘‘ यहां शहर  में कहां है वो बक्सा , वह तो गांव के मकान में पड़ा होगा कहीं । ’’
‘‘ छोड़ो लल्लन, वैसे भी तुम उससे मुक्ति ही चाहते थे । ’’ जगदीश्वर  बोले ।
‘‘ नहीं जगदीश्वर, मुझे फौरन गांव जाना होगा । ... आज के युग में अतीत के बिना भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है । ’’

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