रविवार, 7 अगस्त 2011

* पद में !

" पद्मे .... सुनों पद्मे .... . " भीड़ के बीच पतिदेव ने पत्नी को पुकारा . सुनते ही पत्नी उनके साथ हो ली .
जब वे लोग चले गए तो देवी ने जगदीश्वर से शिकायती लहजे में कहा - " देखा उन्हें !!! .... अपनी पत्नी को कितने प्रेम से पुकारते हैं ! .... पद्मे .... !  एक आप हैं ...जब देखो आम आदमी की तरह - 'सुनती हो .....सुनती हो' . " 
जगदीश्वर बोले -   " हम प्रेम से पुकारते है देवी ! ...... , अन्यों के लिए जो पदमा है , उनके लिए वो पद-में है.   और ये बात वे उस बेचारी को हर क्षण याद दिलाते रहते हैं.   ..... मनुष्य बहुत शिक्षित और जटिल हो गया है देवी .                     
                                                                 इनसे भ्रमित मत होना . "

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