शनिवार, 23 जुलाई 2011

भले आदमी !!



                                    भले आदमी को पता नहीं था कि यहाँ गाड़ी पार्क करना मना है । कर दी । लौटे तो देखा कि एक पुलिस मैन गाड़ी पर हाथ रखे उनकी प्रतीक्षा कर रहा है । भला आदमी सहमा पर सामान्य बना रहा । मुस्कराते हुए उसे देखा और जेब से चाबी निकाली । 
                 ‘‘ ये आपकी गाड़ी है ? ‘‘ पुलिस मैन ने पूछा ।
                 भले आदमी की ‘हाँ ‘ सुन कर उसने बताया कि रांग पार्किंग पर चालान बनेगा , दो सौ पचास रूपए दण्ड देना होंगे, तुरंत  ।
                भले आदमी ने बताया कि वो भला आदमी है । खुद ईमानदारी से कार्य करता है और दूसरों को ऐसा करने के लिये प्रोत्साहित करता है । उसे मालूम नहीं था कि ये नो पार्किंग जगह है । सच में ।
               पुलिस मैन ने कहा कि वो भी भला आदमी है और भले आदमियों की हमेशा  मदद करता है । उसने बताया कि ईमानदारी ,शिष्टता  और सहयोगी स्वभाव के कारण उसे अक्सर ईनाम मिलते रहते हैं ।
               भले आदमी ने प्रसन्न हो कर पुलिस मैन से हाथ मिलाया , उसकी पीठ थपथपाई और पचास रूपए ईनाम में दिये । कहा कि महकमें को आप जैसे भले लोगों पर गर्व है ।
             पुलिस मैन ने धन्यवाद दिया और कहा कि समाज में आप जैसे भले आदमी सब हो जाएं तो फिर हमें कोई शौक  तो है नहीं चालान बनाने का ।
             दोनों भले आदमी चल दिये , किसीने पलट कर दूसरे को नहीं देखा ।

जवाहर चौधरी

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